Dynasty - 1 in English Fiction Stories by Madhuri Vaghasana books and stories PDF | वंश - 1

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वंश - 1

ये कहानी हे बदलाव की ,किसी भी जगह पर बदलाव लाने के लिए कोई न कोई होता ही हे | महाभारत के युद्ध में भगवन कृष्णा थे और इस कहानी में हे काव्या और निहार.

ये कहानी की शरुआत मेडम रिया से होती हे| जो दिल्ही में रहनेवाली हे और बड़े ही अच्छे फॅमिली से तालुकात रखती हे | जिसको घूमने का बड़ा ही सोख हे बचपन से| और एक दिन वो घूमने के लिए निकलती हे और घूमते हुए राजस्थान के एक गांव में पौह्चती हे| यह से होती हे हमारी कहानी की शुरुआत | ये कहानी एक समाज से जुडी हुई हे. जो आजकल हममें से कोई सुन्ना भी नहीं पसंद करता वो चीज बहुत सारे लोग जीते हे |ये मज़बूरी हे कामचोरी हे क्या हे पता नहीं हे पर जो भी हे गलत हे |

वंश
दिल्ही हम सब जानते हे की दिल्ही एक ऐसा शहर हे जहा पर लोग पुरे दिन भागते ही रहते हे| में तो कहती हु दिल्ही क्या आजकल कहि भी जाये सब दौड़ते हुए ही नजर आते हे| पता नहीं इंसान के मन में ये बात बैठ गई हे की अगर भागे गे तो ही मंजिल तक पोहच पाएंगे| कहा पर लिखा हे ऐसा ? की तेज भागते हुए लोग ही पहले जित पाएंगे |
रिया का तो ये मानना हे की कोई भी काम करे ऐसे करे की उसका मजा ले सके .अरे यार आजकल तो लोग खाते भी ऐसे हे की कही थाली से कोई निवाला छीन लेने वाला हो| अरे प्यारे सन्ति से करो न हर काम सन्ति के साथ दिमाग लगाओ गे तो अपने आप वो काम स्पीड पकड़ लेगा . पर दिमाग चल रहा हे चंडीगढ़ में और दिल्ही में मशीन रिपेयर कर रहे हो तो तार कैसे ठीक से जुड़ेगा

सुबह के ७ बज गए ये लड़की कहा चली गई हे सुबह सुबह पता नहीं . ऐ जी आपको बोल रही हु कुछ सुनते भी हो क्या मेरी? नहीं मेरी तो कोई सुनने वाला ही नहीं हे यह पर बस दोनों बाप बेटी को जैसा मजा आया वैसे ही करना हे.
और ऊपर से आपका नालायक बेटा उसने भी दोनों बाप बेटी ने सर पर चढ़ा रखा हे | पता नहीं रात को कितने बजे आता हे, क्या और कहा घूमता रहता हे रात रात भर |
अरे मौतरमाँ बस भी करो अब. आपकी बेटी कही नहीं जाने वाली आपका पीछा छोड़कर बस यही रॉबिनवुड के लोगो के साथ फ़ूड बाटने गयी हे .
उसने बताया था मुझे क्या आप भी खामखा अपना बीपी बढ़ते हो|
चाय पिओगे क्या? आज में साकर ज्यादा डालूंगा सुबह से बोलबॉल कर शायद आपका बीपी काम हो गया होगा|
ये हे सबसे ज्यादा चिंता करने वाली रिया और रोनी की माँ.और ये हे हर मुसीबत में भी हसते रहने वाले रिया के पापा.
अपना नहीं समजोगे बच्ची बड़ी हो गयी हे सदी की उम्र हो गयी हे लोग क्या बोले गे अभी तक रिस्ता नहीं आया एक भी कुवारी ही रखनी हे क्या ?
अरे बीबीजान मुझे अपने बेटे पे पूरा भरोसा हे | और बात रही उसकी सदी की तो आपभी उसे पहले अपना करियर तो बना लेने दो. आपको भी पता हे में उसकी सेक भी इच्छा का गला घोटकर कोई काम नहीं करुगा उसके साथ | और हमने भी देखि हे दुनिया तो दुनिया की नजर को सच समझने की बजाए हम अपने बच्चो को अपने नजर से देखे .
और आपके बेटे का क्या उस लड़की ने उसे पूरा बिगड़ के रख दिया हे चुरट देकर | आपको पता हे रात को महाराज कितने बजे घर आते हे? कल रात ३ बजे घर आया था | और उसके नखरे देखे हे अपने किसी किसी फैशन करता रहता हे. कोई नहीं बोलेगा की सरीफ खानदान से हे|
रिया ये साडी बाटे १० मिनट्स से बहार कड़ी होकर सुन रही थी .पर अब बात उसके भाई पर आयी हे तो उसे लगता हे की अब तो एंट्री करनी ही पड़ेगी.
पिंक नइटशूट में मेडम आकर बेग को सोफे पर फेककर तुरंत माँ के पास आकर उसके गॉड में बैठ जाती हे |और कहती हे अरे माते वैसे तो तू पापा से ४ साल छोटी हे पर फिर भी पुरे दिन हमारी चिंता करते करते आधी बूढी हो गई हे |
है तू तो बोल ही मत कुछ चल भाग यह से खुद को बड़ी अकाल हे अपने भाई को भी अकाल दिया कर थोड़ी .तू तो कल सुबह चली जायेगी उसको कोण संभालेगा और समजायेगा फिर ?
अरे बीबीजान आपको बोलना मेने हमारे बच्चे बड़े ही समजदार हे उसे कुछ समजने की जरुरत नहीं हे आपको आपकी परवरिश पर भरोसा नहीं हे क्या ?
अरे सुन सुन माते आपको पता हे रोनी रात भर बहार क्यों रहता हे क्योकि उसको रात में काम करना अच्छा लगता हे रात को वो कल ३ बजे आया उसने मुझे ४ बार फ़ोन किया की दी में कमेटी बाग़ पर बैठकर कुछ पेंटिंग बना रहा हु |
वो तुजसे नहीं बोलता हे कुछ क्योकि उसे यही लगता हे की तू उसे नहीं समझेगी . माँ मेरी विनती हे तुजसे खामखा ज्यादा सोचकर रिस्तो में दुरी मत बढ़ाओ .
बीबीजान रिया बीलकुल सही कह रही हे अप्प उसे संजोगे नहीं तो वो आपसे कुछ बात क्या करेगा और आप ही तू थी जो उसे इतने साल तक सबसे ज्यादा प्यार देती आयी हे. १ साल से आपको क्या हो गया हे वो अपना करीयर बनाने जा रहा हे उसे अप्प बांधकर रखोगे तो वो कैसे उड़ पायेगा .
चलो बस छोड़ो ये बेकार की बाटे माते को अब समाज आ गया हे अब. रीयता माँ को गले लगाकर केहती हे आपके बच्चे आपका भरोसा कभाई नहीं टूटने देंगे बस अप्प इतना विश्वास रखो. और आप दोनों ही हो जिसको हमें खुश देखना हे तो आप ऐसे उदास रहोगे तो हम कैसे खुश रह सकते हे .
चलो में रोनी को बुलाती हु आप दोनों नास्ते के लिए आजाओ.
नास्ते पर सब बैठते हे और रोनी आता हे. गुड मॉर्निंग मोम-डेड चूची.रोनी प्यार से रिया को चूची बुलाता हे |
मोम चूची ने बताया की अप्प टेन्स हो मेरे लेट घर आने से. माँ चुप थी कुछ बोली नहीं .पापा ने खा बेटा आज के बाद जब भी आप बहार जाओ माँ को पता होना चाहिए | कल चूची नहीं होगी तो आपको साडी बात पहले माँ से ही बोलनी हे| अरे माते ीनता टेंशन मत लिया कर मंमता तेरा बेटा न तो सरब पिता हे ,न तो कोई अयासी तुजे पता हेना तो क्यों तू इतना डरती हे और बस आजसे में कही भी जाउगा या तो कुछ भो करू पहला फोन तुजे आएगा .वैसे भी पापा ने सही खा चूची का पता नहीं हे ये चिड़िया पता नहीं कल कहा छु हो जाये |

रिया गुस्से में कुछ बोलने जा रही थी तब ही उसे याद आया की अरे यार पापा मुझे तो कल राजस्थान के लिए निकलना हे. रिया चलते चलते दौड़ ने लगती हे | माँ में कल चार बजे निकलने वाली हु इससे पहले तुम मुझे केमेरा कबोर्टसे निकाल देना क्योकि में जहा जाऊगीवह की हर छोटी छोटी मोमेंट लुंगी | पर तू जायेगई कैसे कोण आने वाला हे तेरे साथ ? अरे माँ में जाऊगी किशोर दादा के साथ उससे मेरी बस्ट हो गयी हे और आपको पता हे की मुझे ड्राइवर के अलाव कोई नहीं चाहिए जब में कुछ खास काम से जाऊ तो |

माँ ने पापा से कहा आप कुछ बोलना इसको की अपने कोई दोस्त को साथ में ले जाये अकेली ऐसे थोड़ी जाते हे मन की किषोरदादा हे साथ में पर हर जगह वो साथ में थोड़ी रहेंगे |
क्या हो गया हे आपको क्या खुद जो छाती थी वो ही आज भूल गयी हो आप क्या थे आपके ख्यालात और क्या हो गया हे आज खा गयी वो ३० साल पहले वाली रेवती जो मुझे हर बार बोलै करती थी की मेरा पति ऐसा होगा जो मेरी बेटी की पहली माँ बनकर रहना चाहिए | अपने मुझे ठीक यही बोलै था ना जब गुड़िया आयी थी तब की इस बची को आपको इतना प्यार देना हे की वो अपनी कोई भी बात हो मेरे पहले आपको आकर बोले | और आज जब गुड़िया को जरुरत हे तो आप ये सब बाटे ले बैठे हो |
ठीक हे मुझे तो चिंता थी इस लिए मेने बोला|और मुझे आप पर भरोसा हे और गर्व हे की आप अपनी बेटी को बेटा समझते हो . बस अब में उसकी कोई बात पे नहीं रोकूंगी. जब उसके आप जैसे पिता उसके साथ हे तो मुझे क्या डरनेकी जरुरत हे.
रिया ये सब सुनकर कमरे में जाकर चुचाप बेग और अपना जाने का सामान पैक करने लगती हे | वो बिलकुल चुप हो गयी ये सब सुनकर उसके पास अपने हीरो को सुखरिया करने के सब्द नहीं थे| जी हा रिया के हीरो थे उसके पापा. जैसे उसका भाई थोड़ा अजीब था वैसे ही ये भी थोड़ी अजीब लड़की थी. बस इसे अपनी जवाबदारियां पता थी| पापा और ममी कमरे में आये और माँ ने बोला बेटा झा भी जाये अपना ख्याल रखना और पापा ने बोला बेटा झा भी जाये अपने साथ साथ अपने अस पास वाले लोगो का भी ख्याल रखना उसे समजना.मुझे पापा की बात ज्यादा अच्छी लगी वो हमेशा मुझे आज़ाद बनकर किसीसे डरे बिना जीना कैसे हे वही सिखाते हे | अगर कोई गलत काम करो तो उसको भी कबूल करना सीखो. यही सोच थी पापा की .बस पैकिंग हो ही गया हे में निकलूंगी तभी जब दादा फ्री होंगे.
बाकि की कहानी हम देखेंगे अगले आंक में ...
रिया का सफर चालू होगा राजस्थान के साथ......